जीवन का फ़लसफ़ा !!


लेखक - के एम भाई


जीवन तो
एक बहता पानी
निर्मल,  निर्लाप
कण-कण  जवां
स्वाद और रंग से भरा
मौज  ही  मौज  और
उमंग ही उमंग  से
हर लम्हा है सजा
जीवन का यही फ़लसफ़ा
जो चखे वो पाए
जो जाने वो जिये
चल फकीरा कुछ
जी ले ज़रा
       जी ले ज़रा ........

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