कश्मीर का हाल देख कर

रचनाकार - रवि प्रभात

कश्मीर का हाल देख कर
दिल लहूलुहान हो जाता है

जब जवान पे थपड पड़ते
दिल्ली पे गुस्सा आता है

दो दिन का मोहलत दे दो
लाहौर भी तब अपना होगा

तुम ऐसा कर पाए तो
सीना 56 इंच का होगा

बहुत उड़ाए श्वेत कबूतर 
अब गुलाल उड़ जाने दो

बहुत हुई शांतिवार्ता 
अब युद्ध को हो जाने दो 

जो तिरंगा जलाये उसकी
वही समादि कर दो

जवानो का अपमान सह कर 
जिन्दा रहना पानी पानी है

कश्मीर का हाल देख कर....

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