तेरी बेवफाई का कुछ पता न लगे।
खता इस तरह हो कि बहका न लगे।
आ गया मैं किस मोड़ पर ऐ सनम;
कि तेरे बाद मुझे कोई बेवफा न लगे।
न पूछूंगा कोई सवाल इस बारे में;
दिल मेरा मुहोब्बत में यूं फ़ना न लगे।
जो खत तेरे हाथों ने लिखे थे मुझको;
खाक कर दूं उनको गर सज़ा न लगे।
गैरों की महफ़िल में हंस के गाने वाले;
तेरा फिक्र भी हम पर कभी कहा न लगे।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !
खता इस तरह हो कि बहका न लगे।
आ गया मैं किस मोड़ पर ऐ सनम;
कि तेरे बाद मुझे कोई बेवफा न लगे।
न पूछूंगा कोई सवाल इस बारे में;
दिल मेरा मुहोब्बत में यूं फ़ना न लगे।
जो खत तेरे हाथों ने लिखे थे मुझको;
खाक कर दूं उनको गर सज़ा न लगे।
गैरों की महफ़िल में हंस के गाने वाले;
तेरा फिक्र भी हम पर कभी कहा न लगे।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !
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