एक सुबह ऐसी भी हो !

रचनाकार - के एम भाई

एक सुबह ऐसी भी हो !

जब दिल में हो उमंग
मन में हो विश्वास
आँखों से झलके प्यार
हल्की सी मुस्कान से
हो सबका दिदार
न रंग का
घुमान हो
न रूप का
धर्म से भी न
हो कोई वास्ता
जाति का भी न
हो कोई रास्ता
न तेरा एक हो
न मेरा दो
तू भी जिए और
मुझे भी जीने दो ......



टिप्पणियाँ