वक्त

रचनाकार- डॉ हेमा पाण्डेय

वक्त

वक्त का पहिया 
कभी नही थमता।
आगे ही आगे 
बढ़ती जाती है।
साँसों की रेल गाड़ी 
पीछे छूटते रहते है 
उम्र के स्टेशन।
जिंदगी के सफर में 
दुःख के ठहराव आते है 
कभी -कभार सुख 
के जंक्शन भी।लेकिन 
सच कुछ और है,
कि दुःख और सुख
कुछ होता ही नही है।
ऐसे ही वक्त अच्छा 
या बुरा नही होता।
हम अपने मन में 
बुनते है ये ख्याल 
और वही महसूस
करते है-बेहतर 
और खराब बक्त।।
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रचनाकार परिचय - डॉ हेमा पाण्डेय
प्रिंसिपल एवं लेखिका

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