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"चंद हाइकु"
थका सूरज
उतार कर धूप
घर को चला ।।
समायोजन
भोजन पचान में
धूप का साथ
उड़ा अबीर
लाल भये बादल
धूप घायल
धूप नहीं ये
हौरी का खुमार है
हो हो होरी है
धूप प्रकार
प्रात: से साँझ तक
असर भिन्न
धूप लिखा तो
गरमी का अंदाज़
मांथे सिकन
अनिलकुमार सोनी
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