रचनाकार - के एम् भाई
शब्दों से प्यार होता है !
शब्द ही हंसाते है शब्द ही रुलाते है
शब्दों से ही ख़ुशी,शब्द ही हैं दुःख
हर एक मुस्कराहट के पीछे शब्द ही है
और शब्दों के कारण ही आंसू ..
शब्द ही सजाते हैं
शब्द ही बिगाड़ते हैं
शब्दों ने रची यह दुनिया
शब्दों से हुआ कोई माला माल
शब्द ने ही किया कंगाल
मै और तू के बीच भी
एक शब्द ही हैं
आप और हम में भी एक शब्द
हर एक स्त्री का होता है शब्द
और हर पुरुष का भी एक शब्द
कोई जीता है शब्दों के लिए
तो कोई मरा शब्दों की खातिर
मेरी जीत में एक शब्द है और
तेरी हार भी एक शब्द
अच्छा भी है शब्द
बुरा भी होता है शब्द
फिरभी न जाने क्यों
शब्दों से ही प्यार होता है
शब्दों से ही प्यार होता है ........
के एम् भाई
सामाजिक कार्यकर्त्ता
सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन
कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि}|
कानपुर, उत्तर प्रदेश
सं. - 8756011826
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