चर्चे चारों ओर हैं - रवि प्रभात

रचनाकार - रवि प्रभात


शुशाशन  बाबू के
कुशासन का  चर्चा 
चारो ओर है

महागठबंधन बनने के 
बाद प्रगति रथ पे 
रोक है

शराब बंदी ही 
एक बिहार की 
पहचान है

चोरी डैकती  
लूट पाट अब
सरे आम है

टॉपर से लेकर 
मिटटी तक  
की चर्चा अब
सरे आम है

शुशाशन  बाबू के
कुशासन का  चर्चा 
चारो ओर है

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