रचनाकार - अनिल कुमार सोनी
"युद्ध उसका सार्थक रहा"
एक नीम का पेड़
उसपर
घौंसला कौआ का
अपने अंड़ों की सुरक्षा में तैनात
कौआ
अचानक
दो पतंग समीप आती
एक दूसरे को काटने के प्रयास में
पतंगबाज ढील देता
कौआ युद्ध करने लगा
उन पतंगों से
कभी अंडों के पास पतंग आती
तो कभी कौआ से टक्कराती
मांझे में/डोर में
कौआ की एक टांग फस जाती
युद्ध करता फड़फड़ता तीन दिन
तीन रात के बाद
एक टांग कट गई
वह युद्ध जीत गया
विकलांग होते हुये आज भी
भोजन की तलाश में
अन्य कौवा की अपेक्षा
प्रथम श्रेणी में है।
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रचनाकार परिचय - अनिल कुमार सोनी
माता का नाम :स्व. श्रीमती सीता रानी सोनी पिता का नाम :स्व. श्री नारायण प्रसाद सोनी जन्मतिथि :01.07.1960 ~संपर्क~ शहर/गाँव:पाटन जबलपुर पिन कोड 483113
देश :भारत
फेसबुक :100006776139284@Facebook. Com ~मेरे बारे में~ शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक ~हिन्दी के बारे में विचार ~ हिंदी मेरी मां है हिन्दी लेखक डॉट कॉम पर प्रकाशित रचनाएँ प्रगति, कारण से, टूटता आदमी, मुक्त नहीं संयुक्त हैँ, फरिश्ता, चाहत, आंखों से आंसू नहीं अब, क्या लिखूं आदि
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