इंग्लिश मीडियम मोडर्न स्कूल


रचनाकार :- विजय 'विभोर'

 "इंग्लिश मीडियम मोडर्न स्कूल"

फ़रवरी की एक साँझ पत्नी बोली
ए जी!
अबकि बार बिटिया का दाखिला
बड़े स्कूल में करवाना है|

मन ही मन मैं झल्लाया
अचानक ये खर्चे का गोल कहाँ से आया?
फिर भी हिम्मत बटोरी
पत्नी की नियत टटोली

मैंने कहा
मोहल्ले में अपनी हैसियत वाले
इंग्लिश मीडियम मोडर्न स्कूल
में क्या कमी है?


वो बोली
ये सिर्फ नाम का
इंग्लिश मीडियम मोडर्न स्कूल है
यहाँ पर अंग्रेजी नहीं सिखाते हैं
हमें फ़िज़ूल ही भरमाते हैं

मेरी हिम्मत का कटोरा
अभी खाली नहीं हुआ था
उसमे एक सवाल अभी भी बचा था
यह भी मोडर्न है, वह भी मोडर्न है
दोनों में क्या अंतर है?

वो बोली
ये सब मुझे नहीं मालूम
शर्मा जी ने पिछले साल
अपनी बेटी को वहाँ
दाखिल करवाया था
आजकल उनकी बेटी
अंग्रेजी में गिटार पिटर करती फिरती है
अब तो हमारी बेटी भी
उससे बाते करने से डरती है
फिर इस स्कूल में तो
बच्चे धुल मिटटी में मरते
पैदल जाते हैं
उनकी स्कूल बस ए.सी. है
बच्चों को बड़े ही प्यार से ले जाती है

जो फैसला पहले से ही फिक्स था
उसमे मेरा दखल फ़िज़ूल था
फिक्स फैसले के अनुसार
मैं उस बड़े स्कूल हो आया
1000/- रुपयों के बदले
उन्होंने मुझे 10-15 पन्नों का
प्रोस्पेक्ट्स थमाया

घर आकर मैंने पत्नी को चेताया
एड्मिसन बिटिया को लेना है
किन्तु इंटरव्यू हमें भी देना है
इससे वो जरा भी नहीं घबरायी
मुझे पुरानी बात याद दिलाई

देखो जी!
मैंने बहुत बड़ा त्याग किया है
समाज के सामने तुम्हे
अपना प्रधान चुना है
इसलिए इंटरव्यू के समय
तुम अपने 'मन' की तरह
मौन ही रहना, अपने मुंह से
एक शब्द भी ना कहना

पत्नी के घोर त्याग की मुझे याद आई
हाँ में, मैंने सिर्फ अपनी मुंडी हिलाई
तय दिन पत्नी, बिटिया और मैं
स्कूल पहुंचे
वहां इंटरव्यू के लिये
माँ-बाप के साथ और भी बच्चे थे
सब अपनी बारी के इंतजार में थे
हम भी उसी कतार में थे

कुछ देर बाद हमारा भी नंबर आया
हमें भी बड़े आदर से अन्दर बुलाया
अन्दर घुसते ही मेरा दिमाग चकराया
सामने बैठे खुबसूरत चहेरे को देख दिल भरमाया

उन्होंने पहला सवाल पूछा था
पर मैं उसे ही देख-देख मन्त्र मुग्ध था
उन्होंने क्या पूछा
पत्नी ने क्या जवाब दिया
वो मैंने नहीं सुना था

अब दूसरा सवाल बिटिया के लिए था
हमें दूध कहाँ से मिलता है?
शायद यही उन्होंने पूछा था
बिटिया का जवाब सीधा सरल था
माँ से मिलता है|
उत्तर सही था या गलत नहीं मालूम
यही सवाल हम से भी पूछा गया
एक पल के लिए मैं अपना वादा भूल गया
जो नहीं करनी थी वो ही गलती कर गया

मैं बोल
डोलू उठाया बाज़ार गया
टोकन लिया मशीन में डाला
मशीन ने दूध दिया
और घर ले आया
पत्नी ने कातर नज़रो से मुझे देखा
मैंने उसके विश्वास को दिया था धोखा
वो बोली
तुमने सब गडब़ड कर दिया
एक छोटा सा उत्तर भी ठीक से नहीं दिया
तुम्हे नहीं मालूम दूध अमूल, वीटा
की थैलियों से मिलता है

हमारा बड़े इंग्लिश मीडियम मोडर्न स्कूल का
इंटरव्यू ख़त्म हुआ
मुझे लगा हम फ़ैल हो गए
अब हमारी बिटिया का
दाखिला यहाँ नहीं होगा
परन्तु ये मेरा भ्रम था
वहां पर तो
70,000 में दाखिला तुरंत था
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रचनाकार :-
- विजय 'विभोर'
व्हाट्सऐप - 9017121323
संपर्क - 9254121323
ईमेल - vibhorvijayji@gmail.com

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