सब मिट गए

रचनाकार - अजय शर्मा
सब मिट गए

रमियाँ के फासले सब मिट गए
गुफ्तगू से मसअले सब मिट गए
साथ जब ले कर चला माँ की दुआ
मुश्किलों के जलजले सब मिट गए
आ गयी है उम्र ऐसे मोड़ पर
झूठे सच्चे चोंचले सब मिट गए
फेसबुक पर दब गया ऐसा बटन
यार जो थे दोगले सब मिट गए
इक मुक़द्दर का लिखा न मिट सका
और बाकी फैसले सब मिट गए
एक उड़ती सी खबर ये आई है
यू पी से अब मनचले सब मिट गए.

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