समीक्षा- कहानी का जादू बिखेरता बालकहानी संग्रह

 समीक्षा- कहानी का जादू बिखेरता बालकहानी संग्रह

पुस्तक- कहानी का जादू 

कहानीकार- विमला नगला

प्रकाशक- राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति, संस्कृति भवन, एनएच- 11, श्री डूंगरगढ़- 331803 (बीकानेर) राजस्थान

पृष्ठ संख्या- 68 

मूल्य ₹150

समीक्षक- ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश', पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश) पिनकोड- 458226, मोबाइल नंबर 9424079675


कहानियां सभी को भाती है। बचपन में सुनी कई कहानियां हमेशा याद रहती है। इनमें कथा होती है। रहस्य होता है। रोमांच होता है। जिज्ञासा का भाव होता है। आगे क्या होगा? इसकी उत्सुकता अंत तक बनी रहती है।

यदि दादी-नानी कहानी सुनाएं तो आनंद कई गुना बढ़ जाता है। उनके कहानी सुनाने का अंदाज निराला व सबसे अलग होता है। वे आंखें मटकाती है। हाथ से इशारा करती है। डरावना दृश्य हो तो चेहरा डरावना बनाती है। यानी हाव-भाव के संग कहानी सुनाती चली जाती है। इस कारण दादी-नानी से कहानी सुनने का सबसे अलग मजा होता है।

"कहानी का जादू" विमला नागला की हिंदी में पहला बालकहानी संग्रह है। कहानीकार पेशे से शिक्षिका है। बच्चों से वास्ता रखती है। उनकी कहानी के पहले पाठक बच्चे ही होते हैं। इन्हें ही पहलेपहल कहानी सुनाई जाती है। उनकी पसंद-नापसंद को परखा जाता है। तभी कहानीकार को कहानी का पता चलता है कि कहानी में आनंद का भाव है कि नहीं? इसके पश्चात ही कहानीकर की कहानी मुकम्मल होती है।

इस बात को कहानीकार ने स्वयं ही अपनी भूमिका में स्वीकार किया है। उनकी कहानी के पहले पाठक बाल-गोपाल ही होते हैं। उनकी क्रिया-प्रतिक्रिया पर ही कहानी के स्तर की जांच की जाती है। वैसे बच्चे बड़े सरल व सहज स्वभाव के होते हैं। उन्हें कोई चीज पसंद ना आए तो वह सरल व सहज भाव से कह देते हैं, " हमें यह कहानी अच्छी नहीं लगी।"

बस! आप अपनी कहानी का स्तर समझ जाइए। अपनी कहानी की कमी को दूर कर लीजिए। दोबारा, दूसरी कक्षा में बच्चों को कहानी सुनाइए। वहां अपनी कहानी के स्तर को परखिए। तभी पता चलेगा कि आप की कहानी कैसी है?

समीक्ष्य कहानी संग्रह में बच्चों के लिए 11 कहानी संग्रहित की गई है। आमुख कहानी जिसका शीर्षक है- कहानी का जादू। इस पर ही पुस्तक का नाम रखा गया है। यह कहानी 'कहानी का जादू' बड़े सहज व सरल ढंग से प्रदर्शित करने में सक्षम है।

संग्रहित कहानियों के अधिकांश शीर्षक संदेशात्मक हैं। इन्हें पढ़ते ही कहानी के उद्देश्य का पता चल जाता है। चुंकि कहानीकार पेशे से शिक्षक है इसलिए इसकी झलक कहानी में यत्रतत्र प्रदर्शित होती रहती है। कहानी इसी परिपेक्ष्य में आगे बढ़ती है।

"अनमोल उपहार" दिव्यु को दिए गए उपहार की कहानी है। उसे क्या उपहार मिलता है ? इसे आप कहानी पढ़कर जान पाएंगे। "खुशियों का खजाना" सोना को कैसे मिलता है? यह सरल व सहज तरीके से कहानी व्यक्त करती है।

नानी सबको प्यारी होती है। इसी कारण उसे "प्यारी नानी" कहते हैं। मगर सृष्टि की नानी उसे प्यारी क्यों लगती है? इसे कहानी में जान सकते हैं। "मन का संदेश" बहुत प्यारा है। उसी से कहानी के "अनमोल का मोल" पता चलता है।

"भैंस की सवारी" ग्रामीण परिवेश का मजा देती है। "दादी का आंचल" प्यार की छांव का एहसास कराते हुए बच्चों में "खुशियों के पंख" लगा देती है।

"समय का मोल" सिखाता चीकू, जीवन में क्या कुछ पाता है। वही "उड़ते चले दोनों" बादल कहां जाकर क्या करते हैं? इस तरह कहानी में गीतों का मजा देता यह कहानी संग्रह बहुत ही पठनीय बन पड़ा है।

प्रस्तुत कहानी संग्रह का आवरण बहुत ही चिताकर्षक है। पुस्तक में शब्द-संयोजन नंदन के पूर्व संपादक मंडल के कार्यकारी अनिल जायसवाल ने किया है। त्रुटि रहित व आकर्षक साज-सज्जा युक्त बालकहानी संग्रह बच्चों के लिए उपयोगी है।

उपयोगिता, साज-सज्जा और आकर्षण प्रस्तुतिकरण के कारण मूल्य वाजिब है। कहानीकार का प्रयास सार्थक और प्रेरणादायक है। इसे बच्चे अवश्य पसंद करेंगे। इसी आशा के साथ कहानीकार को अग्रिम बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित हैं।

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19-09-2021

समीक्षक- ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश', पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़, जिला- नीमच (मध्य प्रदेश) पिनकोड- 458226, मोबाइल नंबर 9424079675




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